भारतीय टीम को करना होगा स्विंग और सिम का सामना, खिलाड़ियों का चयन बड़ी चुनौती
 





गौतम गंभीर का कॉलम :


एक पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर मैंने दो तरह की विमान से हुई थकान वाली यात्राएं की हैं। कैरेबियन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाते वक्त पहली तो बेहद आम है और हम सब इसे जानते हैं। दूसरी मेरी खुद की खोज है और मैंने इसे उम्मीदें नाम दिया है।


इससे पहले कि मैं आपको उम्मीदों वाली विमान से हुई थकान वाली यात्रा के बारे में बताऊं, मैं आपको पहले एक कहानी के बारे में बता देता हूं। 2009 के समय जब हम न्यूजीलैंड का दौरा कर रहे थे तो हमारी टीम का एक साथी पेट की बीमारी से जूझ रहा था। वह टीम बैठक, टीम बस, डेसिंग रूम और यहां तक कि मैदान पर भी गंदी गैस छोड़ रहा था। मैंने इससे पहले इससे बुरा कुछ नहीं सूंघा था। कुछ दवाइयां दी गई, सिरप दिए गए, लेकिन किसी ने काम नहीं किया। इस खिलाड़ी ने कंधा उठाते हुए कहा कि जेट लेग है यार, मैं ठीक हो जाऊंगा। मेरी टीम के एक साथी ने कहा कि मैंने नेपियर में 11 घंटे तक बल्लेबाजी की क्योंकि मैं डेसिंग रूम में बदबू के कारण नहीं लौटना चाहता था। मैं यह कहानी आपके निर्णय के लिए छोड़ देता हूं।


 

उम्मीदों भरी थकान के बारे में अब बात करने का समय है जहां भारतीय टीम विदेशी परिस्थतियों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है। भारतीय टीम न्यूजीलैंड का दौरा थकान भरी कई घरेलू सीरीज के बाद कर रही है। सपाट पिचों पर बल्लेबाजी अच्छी थी। टी-20 में 180-200 के बीच रन बने, लेकिन न्यूजीलैंड दौरा जुदा होगा। यहां पर स्विंग, सीम और हवा होगी। बल्लेबाजों को यहां पर उम्मीदों भरी थकान से जल्द बाहर निकलना होगा और काम करना होगा कि क्या शॉट खेलें और किस तरह का स्कोर यहां काफी होगा।


 

इसी तरह गेंदबाजों को भी यहां पर अच्छे स्थान पर गेंद करनी होगी। शिखर धवन के चोटिल होने के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली की जिम्मेदारी बढ़ गई हैं। इस तरह के दौरे पर नेतृत्व क्षमता का टेस्ट होता है, ना कि बल्लेबाजी का। केएल राहुल हालांकि अभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नए हैं। श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे या अगर टीम ने रिषभ पंत, शिवम दुबे और संजू सैमसन के साथ खेलने का विचार किया तो न्यूजीलैंड के मैदान काफी छोटे होते हैं, जहां स्कोर बचाना मुश्किल होता है। कोहली को यह भी तय करना होगा कि वह किन गेंदबाजों को खिलाना चाहेंगे।


 

यह जरूर है कि यहां पर शीर्ष स्तर का क्रिकेट देखने को मिलेगा और मैं आपको अपने उस साथी का नाम नहीं बताने वाला हूं जिसको गैस की समस्या थी। वैसे हमने उसकी इस समस्या की वजह खोज ली थी। वह अपने लोकल दोस्त के खाने की वजह से इस समस्या से जूझ रहा था।